udhasi 10:21

अब उदास रहना भी अच्छा लगता है,
उनके सामने बैठ रोना भी अच्छा लगता है
बिन उनके तो कोई सुबह न देखें हम,
अब यूँही खामोश रहना अच्छा लगता है
वो रहते हैं हर पल साथ हमारे
पर अब यूँही तनहा रहना अच्छा लगता है
वैसे तो बहुत सोचते हैं हम
पर उनके सामने चुप रहना अब अच्छा लगता है
वो कहते रहे और हम सुनते रहे हर पल,
क्यूंकि उनकी बातें हमेशा से सुनना अच्छा लगता है
वो नहीं रहते जब आस पास तो दिल रोता है बहुत,
उनकी याद में अक्सर आशुं बहाना अच्छा लगता है
अब बस यूँही तनहा बैठकर रोना अच्छा लगता है …
जब प्यार से पुकारते हैं वो हमें की दूर मत जाना,
तो उनके लफ्जों में अपना नाम सुनना अच्छा लगता है
उनकी हंसी और उनका प्यार करने का अंदाज अलग सा है,
इसलिए हमेसा अनजान और पागल सा रहना अच्छा लगता है
वो करते हैं हमसे बेशुमार प्यार ये जानते हुए भी,
उनसे हर बार प्यार के लिए लड़ना अच्छा लगता है
अब बस यूँही तनहा बैठकर रोना अच्छा लगता है …

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